झारखंड में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां हजारी बाग की तीन महिलाओं (एक नाबालिग सहित) को दरिंदों के हाथों कई बार बेचा गया और बलात्कार किया गया। पीड़ित बलात्कारियों से बचने के लिए तीन दिन तक यूपी-राजस्थान सीमा पर प्रवासी मजूदरों के साथ घूमती रहीं और जंगल में भी रहने को मजबूर होना पड़ा। बाद में तीनों किसी तरह फतेहपुर सीकरी में एक पुलिस चौकी में पहुंची, जहां से आगरा जिला पुलिस ने उन्हें बचाया। पीड़ितों में से एक के पिता ने टीओआई को बताया कि 26 अप्रैल को मेरी पड़ोसी अनीता देवी ने भरतपुर के एक शख्स से मेरी बेटी की शादी कराने का वादा किया। इसके बाद उसने अपने बहनोई हरदेव के साथ मेरी बेटी को एक ट्रक में भरतपुर पुलिस स्टेशन के सीमा क्षेत्र में बहरारू गांव भेज दिया।

इधर अनीता की क्रूरता को याद करने हुए 22 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि मुझे 53 साल के नंदलाल यादव को 1.5 लाख रुपए में बेचा गया। उसने मेरे साथ कई बार बलात्कार किया और कैद कर लिया। मैं वहां से भागना चाहती थी मगर उसने मुझे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। कुछ दिन बाद मुझे हरदेव के सौतेले बेटे के घर ले जाया गया, जिसकी बहन (14) के साथ हरदेव के भाई हरिशंकर ने बलात्कार किया। अब हरदेव की नजरें अपने सौतेले बेटे की पत्नी पर थीं। उसके सौतेले बेटे ने अपनी पत्नी, बहन और मेरी गांव से भागने में मदद की। पीड़िता ने बताया कि हम प्रवासी मजदूरों के साथ तीन दिनों तक चलते रहे। हम आगरा के फतेहपुर सीकरी जाते वक्त एक जंगल में भी छिपे।

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आगरा जाने से पहले पीड़ितों में से एक ने अपने परिवार को सदस्यों को फोन कर घटनाक्रम की जानकारी दी। जिसके बाद परिवार ने नई दिल्ली के एनजीओ से संपर्क साधा, जिसने आगरा पुलिस से संपर्क करने में उनकी मदद की। द अल्टरनेट स्पेस एनजीओ से जुड़े खदीज फारुकी कहते हैं कि जैसे ही लड़की और उसके परिवार ने मुझसे फोन पर संपर्क किया, मैं आगरा के एसपी रवि कुमार के संपर्क में आया गया। वो प्रवासी मजदूरों के साथ चल रहे थे और मैंने उन्हें निकटतम आगरा पुलिस चौकी पहुंचने के लिए कहा।

मामले में आगरा एसपी रवि कुमार ने बताया कि रेस्क्यू के बाद 14 वर्षीय एक पीड़ित ने बताया कि सौतेले पिता के भाई ने उसके साथ बलात्कार किया। एक अन्य पीड़िता ने भी बताया कि उसके साथ बलात्कार किया गया और बुरी तरह प्रताड़ित किया गया।